CHANDI MANDIR, CHANDI GARH


चंडी मन्दिर, चंडीगढ़
CONCEPTS & EXTRACTS IN HINDUISMBy :: Pt. Santosh Bhardwaj
अक्षरं परमं ब्रह्म ज्योतीरूपं सनातनम्।
निराकारं स्वेच्छामयमनन्तजम्॥
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भुर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥
[श्रीमद्भगवद्गीता 2.47]
![]() |
CHANDI GARH PHOTO |
This time my son helped me and I could managed to reach there.
Chandi Garh got its name from this revered old temple.
The temple is beautiful and worth vising.
Recite this Mantr108 times for solution of all problems ::
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चयै नमः।
सुबह 7 बजे हम चिल्ला बॉर्डर पर थे, जब पुलिस वाले ने गाड़ी रोकी, लाइसैंस, पेपर्स, रजिस्ट्रेशन सब देखने के बाद ड्राइवर से बोला गाड़ी साइड में लगा लो। फिर बोला तुम्हारी गाड़ी में लाल और पीला रिफ्लेक्टर नहीं है, साहब 10 बजे आयेंगे और 5,000 रूपये जुर्माना लगेगा। 500 रूपये दो और जाओ।
बस अड्डे से आगे तिब्बतियों की मार्किट देखी जिसमें खूब रौनक थी। सड़कें खड़खड़िया और मरम्मत माँग रही थीं। फिर टोल का सिलसिला शुरू हुआ और 6-7बार टोल देना पड़ा। हर बार 240, 290 रूपये। कई जगह फ्लाई ओवर बनते मिले मगर हैरत की बात यह है कि ट्रैफिक को स्मूथ चलाने की कोई व्यवस्था थी ही नहीं। आगे भारत जोड़ो यात्रा के सैंकड़ों गाड़ियाँ, भोजन करते कार्यकर्त्ता। हूटर-साइरन बजाती भारत जोड़ो यात्रा की अनेकों गाड़ियाँ। मोहाली के रास्ते में दोनों ओर 4-4 किलोमीटर तक ट्रैफिक जैम, वजह थी लँगर। भूखे-नंगों, गरीबों, भिखारियों को लंगर खिला तो उचित है मगर उसके लिये गाड़ी वालों को रोकना कहाँ तक उचित है!? चंडीगढ़, मोहाली और पंचकुला के भीतर के सड़कों को देखकर दिल्ली का अशोक रोड याद आ गया। मकानों और प्लानिंग को देखा तो महसूस हुआ कि नोयडा से तो कई गुना बेहतर है। वहाँ की मार्केट भी नोयडा से कहीं ज्यादा बेहतर थीं।

मन्दिर सुन्दर है, मगर 250 किलोमीटर गाड़ी चलाकर भी आप वहाँ अन्दर की तस्वीरें नहीं खींच सकते। भक्तों को सँख्या मुझे मिलकर कुल 5 थी। वहाँ अभी शौचालय का निर्माण हुआ है।
![]() |
Pt. Santosh Bhardwaj |
पंचकुला में कई किलोमीटर का ट्रैफिक जैम मिला, जिसका कारण भी समुचित व्यवस्था किये बिना, सड़क के आस-पास निर्माण कार्य ही था।
गडकरी का संसद मए दाबा की चंडीगढ़ 2 घण्टे में पहुँचा देंगे निरर्थक और डींग हाँकने जैसा लगा, क्योंकि पहुँचने में 6-6.30 घण्टे लगे।
जाते और आते वक्त दोनों तरफ़ ट्रकों और बसों को तीनों लेनों में चलता हुआ पाया। इसको दुरुस्त करने का प्रयास कोई नहीं करता, गडकरी भी नहीं। वापसी में छोटे 4-5 सवारियों वाले वाहनों में 15-20 लोगों को ठुँसे हुए देखा। एक 35 साल पुरानी 4 पहिये की गाड़ी देखी जो बहुत ही ज्यादा आवाज कर रही थी।
|
दिल्ली से निकलते ही ढाबों की भरमार है, चंड़ीगढ़ तक। दिल्ली आते वक्त देखा कि शराब की अनगिनित दुकानें थीं।
किसी भी टोल पर 5-7 मिनट से काम नहीं लगा।

Contents of these above mentioned blogs are covered under copyright and anti piracy laws. Republishing needs written permission from the author. ALL RIGHTS ARE RESERVED WITH THE AUTHOR.
संतोष महादेव-धर्म विद्या सिद्ध व्यास पीठ (बी ब्लाक, सैक्टर 19, नौयडा)